दिल का दर्पण
- 41 Posts
- 783 Comments
पाठकों के अनुरोध पर इस कविता का हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत है… क्षमा कीजियेगा वो लय अनुवाद में शायद नहीं आ पायी है.
ये जो आंसू तूने मेरी आंखों में देखे हैं
तेरे दिये और मेरी किस्मत में लिखे हैं
ये जो आंसू
जब से गया तू फ़िर वापस न आया
तेरे इन्तजार ने मुझे बहुत रुलाया
लोग कहते हैं मैं तुझे भूल जाऊं
तू लौटेगा ये मेरे भुलावे हैं
ये जो आंसू….
तू ही बता कि अब क्या करूं मैं
जीयूं या फ़िर घुट कर मरूं मैं.
दिलकश नजारे किसी काम के नहीं ये
ये तो दिल को डसते लगते है
ये जो आंसू तूने मेरी आंखों में देखे हैं
तेरे दिये और मेरी किस्मत में लिखे हैं
Read Comments